


आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (IDY 2025) के मौके पर एक भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उनके साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मंच पर उपस्थित रहे। इस आयोजन में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों और हजारों योग प्रेमियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की दुनिया विभिन्न प्रकार के तनाव और अस्थिरता से गुजर रही है। ऐसे में योग हमें शांति की दिशा दिखाता है। उन्होंने विश्व समुदाय से अपील की कि योग को सिर्फ व्यक्तिगत अभ्यास न मानकर उसे वैश्विक साझेदारी का माध्यम बनाया जाए। उन्होंने कहा कि योग को लोकनीति का हिस्सा बनाना चाहिए, जिससे यह मानवता की सेवा में और अधिक प्रभावी बन सके।
मी टु वी की भावना भारत की आत्मा का हिस्सा
पीएम मोदी ने कहा, “जब जनता किसी लक्ष्य को थाम लेती है तो उसे कोई नहीं रोक सकता। मी टु वी (मेरे से हम) की भावना भारत की आत्मा का हिस्सा है। जब व्यक्ति अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज के बारे में सोचता है, तभी समस्त मानवता का कल्याण होता है। भारत की संस्कृति सदैव ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ की रही है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि आज नेवी के जहाजों पर भी योग किया जा रहा है। ओपेरा हाउस की सीढ़ियों से लेकर हिमालय की चोटियों और समुद्र की गहराइयों तक, हर स्थान से यही संदेश आ रहा है कि “योग सभी का है और सभी के लिए है।” उन्होंने विशाखापत्तनम के लोगों को इतने बड़े आयोजन के लिए बधाई दी और विशेष रूप से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की सराहना की।
योग का अर्थ “जुड़ना”
प्रधानमंत्री ने योग का अर्थ “जुड़ना” बताते हुए कहा कि यह देखकर गर्व होता है कि आज 21 जून को दुनिया की 11वीं बार एकसाथ योग कर रही है। योग अब करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। दिव्यांग साथी ब्रेल लिपि में योग पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं और गांवों के युवा योग ओलिंपियाड में भाग लेते हैं। इस विशाल आयोजन के लिए आरके बीच पर 3.19 लाख लोगों के एकसाथ योग करने की व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा, तकनीकी और अन्य व्यवस्थाओं की भी व्यापक तैयारी की गई थी। अनुमान है कि इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत और दुनिया भर के करीब 8 लाख स्थानों पर लोग एकसाथ योग करेंगे। इस आयोजन से भारत का योग संदेश वैश्विक मंच पर और भी सशक्त होकर उभरा है।